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Showing posts from February, 2021

NCFTE 2009

परिचय राअशिप संरचना में, शैक्षणिक विभाग विभिन्न शिक्षक शिक्षा संस्थानों (TEI) में आयोजित विभिन्न शिक्षक शिक्षा कार्यक्रमों (TEPs) पर शैक्षणिक गतिविधियों को मजबूत करने के उद्देश्य से विभिन्न शैक्षणिक कार्यों से संबंधित है। यह शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करता है और इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक गतिविधियों का समन्वय करता है। उद्देश्य शिक्षक शिक्षा पर शैक्षणिक गतिविधियों का समन्वय करें पाठ्यक्रम फ़्रेमवर्क और मॉडल सिलेबी विकसित करें TEIs में शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन के लिए दिशानिर्देश तैयार करें शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में आचरण शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में संसाधन सहायता प्रदान करें शिक्षक शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर डेटा बेस विकसित करें कार्यकलाप विभिन्न शिक्षक शिक्षा कार्यक्रमों के लिए मानदंड और मानकों के नवीकरण का समन्वय करता है और मानदंड और मानकों पर स्थायी समितियों को व्यावसायिक सहायता प्रदान करता है। शिक्षक शिक्षा पर वैकल्पिक मॉडल और नीतियों के मूल्यांकन के लिए परामर्श, सेमिनार, सम्मेलन आदि का समन्वय। शिक्षकों के लिए पेशेवर नैतिकता और...

सूक्ष्म शिक्षण (micro teaching) का अर्थ

सूक्ष्म शिक्षण (micro teaching)   सूक्ष्म शिक्षण (micro teaching) का सिद्धान्त 20 वीं सदी की देन है जिसके जन्मदाता ‘ डी० डब्ल्यू ऐलन ’ को माना जाता है। सूक्ष्म शिक्षण अध्यापक प्रशिक्षण की एक लघु प्रक्रिया है जिसमें शिक्षण परिस्थितियों को सरल रूप में प्रस्तुत किया जाता है जिसके अंतर्गत विशिष्ट कौशल का अभ्यास किया जाता है। कक्षा का आकार शिक्षण का कालांश तथा प्रकरण का लघु रूप होता है। सूक्ष्म शिक्षण (micro teaching) का अर्थ सूक्ष्म को अंग्रेजी में micro कहते हैं तथा हिन्दी में लघु कहते हैं। यह शिक्षण में जुड़ने के बाद सूक्ष्म शिक्षण कहलाता है। जिसमें कक्षा – कालांश शिक्षण क्रियाएँ सूक्ष्म रूप से कार्य करती है। सूक्ष्म शिक्षण (micro teaching) की परिभाषा डी० एलन के अनुसार, “सूक्ष्म शिक्षण समस्त शिक्षण को लघु क्रियाओं में बाँटना है।” बी० एम० शोर के अनुसार, “सूक्ष्म शिक्षण कम अवधि, कम शिक्षण क्रियाओं वाली प्रविधि है।” सूक्ष्म शिक्षण (micro teaching) के सिद्धान्त यह वास्तविक कौशल है। इसमें एक समय में एक ही कौशल के प्रशिक्षण पर बल दिया जाता है। अभ्यास की प्रक्रिया पर नियंत्रित रखा जा सकता है...

अच्छे मापन उपकरण की विशेषता Qualities of a Good Measuring Tool

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अच्छे मापन उपकरण की विशेषता  Qualities of a Good Measuring Tool    कि मापन तथा मूल्यांकन शिक्षा प्रक्रिया का एक अत्यन्त आवश्यक तथा अभिन्न अंग है । शिक्षा प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में छात्रों की विभिन्न योग्यताओं एवं उपलब्धि का मापन व मूल्यांकन करना होता है । मापन तथा मूल्यांकन के लिए कुछ उपकरणों का प्रयोग किया जाता है । किसी भी अच्छे मापन उपकरण में कुछ मूलभूत विशेषताएं का होना अत्यन्त आवश्यक आवश्यक हैं । इसीलिए किसी मापन उपकरण का चयन करते समय इन विशेषताओं का ध्यान रखना अत्यन्त आवश्यक है । यदि कोई मापन उपकरण इन विशेषताओं से युक्त होता है तब ही उसे एक अच्छा मापन उपकरण कहा जा सकता है ।  मापन उपकरण की विशेषताओं को दो भागों - ( i ) व्यावहारिक विशेषताएँ ( Practical characteristics ) ( i ) तकनीकी विशेषताएँ ( Technical characteristics ) में बाँटा जा सकता है । व्यावहारिक विशेषताओं के अन्तर्गत वे विशेषताएँ आती है जो मापन उपकरण के व्यावहारिक उपयोग से सम्बन्धित होती है यदि दिये गये उद्देश्यों तथा दी गई परिस्थितियों में किसी मापन उपकरण को सुगमता व सुविधाजनक ढंग से प्रयोग में ला...

अधिगम, अधिगम अन्तरण, तर्क‍, एवं समस्या समाधान

अधिगम सीखना  या  अधिगम   एक व्यापक सतत् एवं जीवन पर्यन्त चलनेवाली प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म के उपरांत ही सीखना प्रारंभ कर देता है और जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। धीरे-धीरे वह अपने को वातावरण से समायोजित करने का प्रयत्न करता है। इस समायोजन के दौरान वह अपने अनुभवों से अधिक लाभ उठाने का प्रयास करता है। इस प्रक्रिया को मनोविज्ञान में सीखना कहते हैं। जिस व्यक्ति में सीखने की जितनी अधिक शक्ति होती है, उतना ही उसके जीवन का विकास होता है। सीखने की प्रक्रिया में व्यक्ति अनेक क्रियाऐं एवं उपक्रियाऐं करता है। अतः सीखना किसी स्थिति के प्रति सक्रिय प्रतिक्रिया है। अधिगम   की  परिभाषायें – बुडवर्थ के अनुसार – ‘‘सीखना विकास की प्रक्रिया है।’’ स्किनर के अनुसार – ‘‘सीखना व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है।’’ जे॰पी॰ गिलर्फड के अनुसार – ‘‘व्यवहार के कारण, व्यवहारमें परिवर्तन ही सीखना है।’’ कालविन के अनुसार – ‘‘पहले से निर्मित व्यवहार में अनुभवों द्वारा हुए परिवर्तन को अधिगम कहते हैं।’’ उपरोक्त परिभाषाओं से स्पष्ट होता है कि सीखने के कारण व्यक्ति के व्यवहार मे...

आधुनिक तकनीकी सभ्यता से क्या तात्पर्य है?

प्रस्तावना: आज विज्ञान और तकनीकी के कारण बहुत सारे साधनों का विकास हुआ हैं | इसकी वजह से मनुष्य का जीवन सुलभ और सरल बना दिया हैं | अगर  विज्ञान और तकनीकी प्रगति नहीं करते तो हमारा जीवन बहुत कष्टदायी होता हैं | हमें हर कार्य करने के लिए बहुत सारी मेहनत करनी पड़ती | आज विज्ञान ने बहुत आविष्कार किये हैं | जिसका लाभ मनुष्य को हो रहा हैं | आज हमारे चारों तरफ तकनी मौजूद हैं | तकनीकी के माध्यम आज तकनीकी के द्वारा मोबाइल फ़ोन, टीवी, कंप्यूटर, इंटरनेट, वाशिंग मशीन, पानी निकालने वालों मोटर, जहाज, ट्रेन, इत्यादि साधनों का विकास हुआ | अन्य तरह की दवाइया, चिकित्सा उपकरणों के कारण लोगों का इलाज करना संभव हो गया हैं | तकनीकी का महत्व आज की तकनीकी के सहायता से मनुष्य का हर एक कार्य आसानी से होने लगा हैं | तकनीकी ने हर एक क्षेत्र में विकास किया हैं और मनुष्य के जीवन को सुलभ बनाया हैं | कृषि शेत्र में तकनीकी के सहायता से अधिक उत्पादन होने लगा हैं | तकनीके की वजह से विविध प्रकार की मशीनों का विकास हुआ हैं | कृषि क्षेत्र में योगदान हम सभी को अपना जीवन जीने के लिए भोजन की जरुरत होती हैं | यह के सभी लोगों...

तकनीकी शिक्षा, अर्थ, परिभाषा, आवश्यकता !

सार हमारा     देश     प्रारम्भ     से     ही     शिक्षा     के     क्षेत्र     में     अग्रणीय     रहा     है।     हमारे     वेद   ,   पुराणों     में     इस     के     प्रमाण     उपलब्ध     है।     प्राचीन     काल     में     भले     ही     बडे   -   बडे     विज्ञान     भवन     न     रहे     हो     तकनीकी     संस्थानों     की     श्रंखला     दिखाई     न     देती     हो   ,   लेकिन     गुरूकुलों     में     दी     जाने     वाली     शिक्षा     विद्यार्थियों     ...